"बालविवाह मुक्त भारत अभियान" विषय पर
कार्यशाला हुई आयोजित
रीवा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं समग्र जन चेतना विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान विषय पर जनसंवाद एवं कार्यशाला का आयोजन, एडीआर भवन में किया गया।
जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एडीजे अहमद रजा ने कहा कि बाल विवाह बेहद संवेदनशील विषय है और यह धीरे-धीरे देश से कम भी रहा है, बालकों की तुलना में बालिकाऐं इस समस्या से प्रभावित होती हैं जिसे दूर करने के लिए हर संभव सभी को प्रयास करना चाहिए इस दौरान उन्होंने बालविवाह से जुड़ी तमाम कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। इसी कड़ी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर ने कहा कि बाल विवाह विवाह को बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है इसे रोकने में धर्मगुरुओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
महिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ममता सिंह ने बालिकाओं से पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनने की अपील की साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय रीवा के अकादमिक प्रभारी डॉ. सूर्य प्रकाश ने कहा कि बालविवाह की समस्या केवल बालिकाओं तक सीमित नहीं है अपितु इसका दंश बालक भी झेलते हैं। मीडिया इस समस्या को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील है ऐसी घटनाओं के घटने पर तत्काल कवरेज करने के अलावा समाज को जागरूक भी करता है जिस कारण आज मध्यप्रदेश में बालविवाह की संख्या में काफी गिरावट आई है। डीएसपी प्रतिभा शर्मा ने भी अपने अनुभव साझा किये।
इस कार्यशाला में जिला विधिक अधिकारी अभय मिश्रा, थाना प्रभारी महिला थाना निशा मिश्रा, बाल सरंक्षण अधिकारी स्वाति श्रीवास्तव, एडवोकेट कौशालेश पटेल, श्रम इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह, JAB से प्रदुम्म जी, एमसीयू के सहायक प्राध्यापक हर्ष तोमर, पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संयोजन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के जिला समन्वयक सुमित सिंह ने किया।