प्रतिभा 2024 का आगाज़
एमसीयू रीवा परिसर में रंगोली, वाद-विवाद, स्वरचित काव्यपाठ और फीचर लेखन प्रतियोगितायें हुई संपन्न
रीवा। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा कैम्पस में प्रतिभा 2024 के प्रथम दिन रंगोली, वाद-विवाद, स्वरचित काव्यपाठ और फीचर लेखन प्रतियोगितायें हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ अवधेश प्रताप सिंह के कुलपति प्रो.डॉ राजकुमार आचार्य और परिसर के अकादमिक प्रभारी डॉ सूर्य प्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। अपने उद्बोधन में कुलपति आचार्य ने विघार्थियों से आह्वान किया कि mcu में आयोजित प्रतिभा कार्यक्रम के तहत छात्रों के कौशल विकास प्राप्त होता है। उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों को अपने व्यक्तित्व बनाने में इस तरह की विधाओं का निरंतर आवश्यकता होती रहती है।
प्रतियोगिता आयोजन के प्रथम दिन रंगोली प्रतियोगिता के विद्यार्थियों ने “पर्यावरण” विषय पर रंगोली बनाई। वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतर्गत “कैदियों को मतदान का अधिकार” विषय पर विद्यार्थियों ने पक्ष व विपक्ष में अपना राय रखी। स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता में विद्यार्थी आदर्श ने "चिट्ठी", पूर्णिमा साकेत ने सरकार की व्यवस्था पर क्यों सवाल कर दिया..., अभिलाषा चतुर्वेदी ने वो देखो एक सीए जा रही हैं..., काजल पांडे ने है अब चेतन में बास तुम्हारा..., अमन द्विवेदी ने अभी मेरीआंखों में नींद बाकी है..., अनामिका सेन ने "आत्मदहन", रूचि सोनकर ने बेटी कभी बेटा नहीं बन सकती..., शिवम् अग्रवाल ने प्रभु फिर से आपको आना होगा.., शिवानी शर्मा ने रीवा शहर के मच्छर.., साक्षी त्रिपाठी ने मेरे पापा.., अपर्णा जायसवाल ने कैसे भूलें कि मिल गया ये पुण्य दिवस हमें..., सतेन्द्र गिरी ने सारे जहां से अच्छा से मानवता का रिश्ता.., देवकांत प्रजापति ने क्या थे वे बचपन के दिन..,आदर्श तिवारी, आकाश अग्निहोत्री, सुजीत आदि विद्यार्थियों ने स्वरचित काव्यपाठ किया। फीचर लेखन प्रतियोगिता में के अंतर्गत विद्यार्थियों ने “बसंत ऋतु” व ”भारत में पर्यावरण प्रदूषण” विषय पर फीचर लेखन किया।
वाद-विवाद प्रतियोगिता में बतौर निर्णायक वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय काफी उपयुक्त और सारर्गभित बताते हुए प्रतिभागियों की तारीफ की। वहीं रंगोली प्रतियोगिता में बतौर निर्णायक रंगोली की राष्ट्र स्तरीय कलाकार ज्योति कुशवाहा और सुधीर सिंह उपस्थित थे। श्रीमती कुशवाहा और सुधीर सिंह ने रंगोली की बारीकियों से अवगत कराया। स्वरचित काव्य पाठ में निर्णायक डॉ उमेश मिश्रा लखन और राधाकांत पांडे मौजूद रहे।
जानकारी हो कि प्रतिभा 2024 का शुभारंभ करते हुए परिसर के अकादमिक प्रभारी डॉ सूर्य प्रकाश ने प्रतिभागियों के बेहतर प्रदर्शन करने हेतु शुभकामनायें देते हुए कहा कि प्रतिभा एक ऐसा अवसर है जब विद्यार्थियों को पढ़ाई से हटकर अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलता है।प्रतियोगिताओं का संचालन विद्यार्थी श्रेया ओझा व कनिष्क तिवारी ने किया और डॉ विनोद दुबे ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विश्वविघालय के समस्त प्राध्यापक,अधिकारी, कर्मचारी सहित मीडिया और कंप्यूटर विभाग के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर परिसर को बेहद खूबसूरत ढंग से सजावट की गई थी।