MCU ने 'हिंदी दिवस' व
'परिसर स्थापना' दिवस मनाया
रीवा। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में शुक्रवार को हिंदी दिवस व परिसर स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अकादमिक अधिकारी डॉ. सूर्य प्रकाश ने हिंदी दिवस और रीवा परिसर के स्थापना दिवस शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 14 सितम्बर 1949 को हिंदी राजभाषा के रूप में स्वीकृत हुई थी। इस भाषाई विविधता से परिपूर्ण देश को हिंदी एक सूत्र में बांधने का काम करती है। आज हिंदी एक दूसरे को जोड़ने का सरल माध्यम है। इसने हमें दुनिया भर से पहचान दिलायी है। आज हिंदी भाषी समाचार पत्र का जिस तरह विस्तार हुआ वैसा अन्य भारतीय भाषा का नहीं हुआ। अतः हम हिंदी में सोचे, लिखे और पढ़ें। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी भी हिंदी को जनमानस की भाषा मानते थे।
प्रशासनिक अधिकारी डॉ. बृजेन्द्र शुक्ला ने हिंदी दिवस व परिसर की स्थापना दिवस के 8 वर्ष पूरे होने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिंदी भारतीयों की आत्मा की आवाज़ है। हिंदी आज वैश्विक मंच पर गूंज रही है और दुनिया के 180 यूनिवर्सिटी में पढाई जा रही है। आज दुनिया के हरेक कोने में हिंदी इस्तेमाल हो रही है। चिंतनीय है कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन पा रही है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम हम अपने हस्ताक्षर हिंदी में करें। भारत में सभी भाषाओं का सम्मान तो किया ही जाता है, परंतु राष्ट्र की एक भाषा होनी ही चाहिए। आज पीएम मोदी हर बडे मंच पर हिंदी में बोलते हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है।
एमएएमसी तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी ओमकार सिंह सत्यम ने माखनलाल चतुर्वेदी की हिंदी साहित्य रचना के बारे में बताते हुए और देश के स्वाधीनता आन्दोलन के प्रति राष्ट्रीय चेतना जगाने का कार्य किया। आज हिंदी के वर्तमान रूप हिंग्लिश के माध्यम से संचार माध्यमों ने इसको बढ़ाने का काम किया है।
विद्यार्थी सत्येन्द्र गिरी ने कहा कि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय के हिंदी में प्रयोगवादी साहित्य रचना के नए प्रतिमानों का प्रयोग किया जो आज भी प्रासंगिक है। वे एक पत्रकार और स्वाधीनता सेनानी के रूप में योगदान के बारे में बताया।
बीएएमसी प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी हर्ष भारद्वाज ने महादेवी वर्मा के जीवन दर्शन और हिंदी साहित्य में उनकी रचनाओं से अवगत कराया।
एमएजे तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों (प्रांजुल पांडे, पुष्पराज कुशवाहा, प्रकाश वर्मा, अभिषेक राय, देवकांत प्रजापति, गौरव मिश्रा, सबा रसूल अंसारी) ने 'परमात्मा का योजना विषय पर और बीसीए तृतीय सेमेस्टर से (कथावाचक:- हरीश पांडे, महक सिंह गहरवार। अभिनय:- दीपांशु गोस्वामी, निखिल मिश्रा, अभिषेक, श्रेया तिवारी, कनिका द्विवेदी, आदि सोनी, सुजल सिंह गहरवार, ज्योति पटेल, मानसी सिंह, अंबर सिंह, राज पटेल) ने 'पद्मावती का जौहर' विषय पर नाट्य मंचन' किया। इसके अलावा अवनीश कुमार तोमर, शिवानी शर्मा व अन्य विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर में शिक्षक डॉ. कपिल देव प्रजापति, डॉ सुनीत तिवारी, डॉ. विनोद दुबे, डॉ. अजीत मिश्रा, डॉ. आलोक पाण्डेय, डॉ. उमाशंकर पटेल, डॉ.प्रवेश, डॉ. रुचि सिंह बघेल, डॉ.अंजली त्रिपाठी, डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. रेनू बेगम, श्री हर्ष तोमर, श्री नीरज तिवारी, श्री सुधांशु मिश्रा, श्री दीपेश सिंह, श्री जयप्रकाश पटेल, श्री तरूण त्रिपाठी, कृष्णा सक्सेना, अपर्णा गोस्वामी के साथ ही समस्त कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद थे। आज के इस कार्यक्रम का मंच संचालन बीएएमसी के विद्यार्थी आदर्श तिवारी और सोनाली सिंह बघेल ने और आभार अपर्णा गोस्वामी में माना।