जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे की 92वीं वेबिनार 'Digital Safety and Well Being' विषय पर आयोजित किया गया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए राजस्थान पुलिस में अतिरिक्त निदेशक (जनसंपर्क) गोविंद पारीक ने साइबर फ्रॉड के अनेक व्यावहारिक उदाहरण देते हुए बताया कि साइबर क्राइम का शिकार होने पर हमें टोल फ्री नंबर 1930 पर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष cybercrime.govt.in पर भी मेल भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी चूक हमारे लिए घातक हो सकती है। बड़ी-बड़ी कंपनियों लिए हम डाटा के तौर पर बिकाऊ प्रोडक्ट होते चले जा रहे हैं।
मीडिया लिटरेसी ट्रेनर हिसार की डॉ. प्रज्ञा कौशिक ने पीपीटी के माध्यम से अपनी प्रस्तुति देते हुए बताया कि हम लोग तकनीक के गुलाम होते जा रहे हैं और हमारा स्क्रीन टाइम भी बढ़ता जा रहा है। डिजिटल माध्यमों की लत और उनका असावधानी पूर्वक उपयोग हमारे लिए कई बार परेशानी का कारण बन जाता है। उन्होंने डिजिटल माध्यमों के सतर्कता पूर्ण उपयोग के अनेक टिप्स भी दिए।
कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय में जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि इंटरनेट की दुनिया ने हमारे सामने जहां संभावनाओं के अनेक द्वार खोल दिए हैं वहीं जीवन में अनेक चुनौतियों को भी आमंत्रित किया है। साइबर बुलिंग, साइबर क्राइम, साइबर अटैक आदि के रूप में हमारी विविधता को भी प्रभावित किया जा रहा है।
हरियाणा पुलिस के डॉ अशोक कुमार ने अपनी स्वरचित रोचक कविता के माध्यम से डिजिटल सेफ्टी के टिप्स दिए। तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी, मेरठ में मीडिया शिक्षक डॉ. पृथ्वी सेंगर ने संभाला। इस वेबिनार में 281 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।