आज, कम होती जा रही रेडियो की लोकप्रियता
लेखक: राहुल उपाध्याय (लेखक, विचारक)
आज विश्व रेडियो दिवस मनाया जा रहा है. सूचना का संसार सीधे आपके द्वार का यह एक का सशक्त माध्यम है। रेडियो सूचना देने के लिए एक लोकप्रिय माध्यम है, जो दूरदराज के क्षेत्रों और वंचित लोगों तक पहुंच सकता है। रेडियो के जरिए आप समाचार, संस्कृति, संगीत और कहानियां सुन सकते है. दरअसल, रेडियो एक सशक्त माध्यम है जो दुनिया भर के लोगों को जोड़ता है। मगर आज रेडियो की खोई हुई प्रतिष्ठा बहाल करने की जरूरत है, क्योंकि आज के समय में मोबाईल फोन और टीवी चैनल के चलते इसकी लोकप्रियता काफी कम हो गई है, अब तो किसी दुकान पर जल्दी रेडियो भी नहीं मिलता, एक वो भी समय था जब रेडियो का कहीं ज्यादा बोलबाला हुआ करता था लेकिन ऐसा अब नहीं रह गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही रेडियो पर अपनी मन की बात कर रहे है मगर रेडियो की उतनी लोकप्रियता हासिल नहीं हो पा रही है जितना पहले थीं, जो कि, यह चिंता का विषय है। सरकार को रेडियो को बढ़ावा देना चाहिए, केवल रेडियो पर बैठकर मन की बात करने से इसकी लोकप्रियता नहीं बढ़ पाएगी, इसे हमें यथाशीघ्र ध्यान में रखते हुए इस पर काम करने की जरूरत है, क्योंकि जब टीवी मोबाइल नहीं हुआ करते थे तो रेडियो ही सूचना देने का एक सशक्त एवं सुलभ माध्यम हुआ करता था।