कभी पटना की सड़कों पर चाय बेचने वाली लड़की ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता आज अपने ब्रांड के नाम से आउटलेट की फ्रेंचाइजी दे रही हैं। प्रियंका ने बिहार के कटिहार में छठवें आउटलेट की फ्रेंचाइजी दी है। प्रियंका ने कहा कि वह पटना में करीब 3 वर्षों से चाय का काम कर रही हैं। अब आउटलेट के लिए फ्रेंचाइजी दे रही हूं।
प्रियंका गुप्ता का कहना है कि एक आउटलेट में करीब 5 से 6 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट होता है। यह रकम फ्रेंचाइजी लेने वाला लगाता है। इसके लिए ढाई लाख रुपया ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता वन टाइम ले लेती हैं, फिर इसके बाद आउटलेट में क्वालिटी को मेंटेन करना होता है। ग्रेजुएट चायवाली का कहना है कि अगला आउटलेट up में खुलने वाला है। कटिहार Katihar शहर में छठा आउटलेट है।
ग्रेजुएट चायवाली ने कहा कि पटना की सड़क पर चाय बेचने से लेकर आउटलेट खोलने तक संघर्ष करना पड़ा है। प्रियंका ने कहा कि Graduation के तुरंत बाद हमने चाय का काम स्टार्ट नहीं किया था। 02 साल तक गवर्नमेंट जॉब की तैयारी की थी, लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो फिर काम के बारे में सोचने लगी। नौकरी के लिए बिहार से कोई आवेदन नहीं किया था। हमने यूपी से पढ़ाई की है, वहीं नौकरी के लिए कोशिश की।
प्रियंका ने कहा कि हमने केंद्र सरकार की नौकरी के लिए कोशिश की थी, लेकिन शायद मेरी कोशिश उतनी अच्छी नहीं रही होगी। हमारे यहां आबादी इतनी ज्यादा है कि सबको नौकरी नहीं मिल सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सबको आत्मनिर्भर होना चाहिए। तो जरूरी नहीं है कि आप नौकरी करके ही आत्मनिर्भर हो, आप बिजनेस भी स्टार्ट कर सकते हो।
'चाय के काम में इन्वेस्टमेंट बहुत कम है और रिटर्न बहुत अच्छा मिलता है।'
प्रियंका गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के साथ ही 'संकल्प से सिद्धि की बात कही थी। उनकी बातों से मोटिवेशन मिला। चाय का काम इसलिए स्टार्ट किया, क्योंकि इसमें पैसा बहुत कम लगता है, रिस्क नहीं है। अगर आप ठेले से शुरू करते हैं तो इन्वेस्टमेंट बहुत कम होता है और रिटर्न भी अच्छा मिल जाता है।