संवादाता: अंकुश मोरे
खंडवा। एक भारतीय आत्मा के नाम से विख्यात दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने पत्रकारिता के नए मानक स्थापित किए। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक साथ, कवि, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, अध्यापक और राजनेता की भूमिका में रहे। और सभी के साथ न्याय भी किया। जिला मीडिया प्रभारी अनवर मंसूरी ने बताया कि, मध्यप्रदेश मीडिया संघ एवं खंडवा पत्रकार संघ द्वारा अखिल भारतीय दादा माखनलाल चतुर्वेदी उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान समारोह 06 अगस्त (रविवार) को खंडवा में रखा गया है। जिसमें राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों को सम्मानित किया जाएगा। दादा माखनलाल चतुर्वेदी स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे नायक थे, जिन्होंने मन, वचन और कर्म से अपना जीवन जिया। नई पीढ़ी को दादा माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी कविता पुष्प की अभिलाषा आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो जाती है।
मध्य प्रदेश मीडिया संघ एवं खंडवा पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष श्याम शुक्ला ने बताया कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के छोटे से ग्राम बावई में जन्मे पर अपनी लेखनी से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। उन्होंने बताया कि इतिहास का ज्ञान हुए बगैर हम अपने देश को समझ नहीं सकते। इतिहास से मिलने वाले सबक से हमारा वर्तमान संवरता है।
सच्चे अर्थों में भारतीय पत्रकारिता के पितृ पुरूष है दादा माखनलाल चतुर्वेदी
प्रतिकूल और विषम स्थितियों में कैसे हम राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च दे सकते हैं। यह दादा माखनलाल चतुर्वेदी का व्यक्तित्व व कृतित्व हमें सिखाता है। वे सच्चे अर्थों में भारतीय पत्रकारिता के पितृ पुरूष हैं। जिनको याद करना सभी कि जिम्मेदारी है। माखन दादा जब लिखते थे तो अंग्रेजों के पसीने छूट जाते थे। देश की आज़ादी में भी दादा का बड़ा योगदान रहा।
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