जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे के 84 वां वेबिनार "पत्रकारिता एवं विकास: नई चुनौतियां (Journalism & Development: Facing New Challenges)" विषय पर 11 जून, 2023 को आयोजित हुआ।
कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने विषय की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करते हुए बताया कि, आज भी संचार माध्यमों में विकास संबंधी मुद्दों को प्राथमिकता नहीं मिल रही है। वस्तुतः विकास पत्रकार देश की आर्थिक प्रगति, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भरता जैसे मुद्दों पर निरंतर लिखते हुए समकालीन समस्याओं पर नीति निर्माताओं एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर सकता है। पत्रकारिता के माध्यम से हम सामाजिक योजनाओं की उचित क्रियान्विति की भी आलोचनात्मक समीक्षा करते हुए जहां एक और जनता को जागरूक कर सकते हैं वही दूसरी ओर प्रशासन में उत्तरदायित्व की भावना भी विकसित कर सकते हैं।
वेबिनार में 'डाउन टू अर्थ' पाक्षिक पत्रिका के प्रबंध संपादक रिचर्ड महापात्रा ने कहा कि, हमने एक सदी से दूसरी सदी में प्रवेश कर लिया है। हम आर्थिक प्रगति और नए भारत की बात तो कर रहे हैं लेकिन देश की गरीबी, कुपोषण, रोजगार, पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज आदि मुद्दों पर कोई संवाद नहीं होता है। उनका मानना था कि विकास का स्वरूप बहुत व्यापक है लेकिन वॉच डॉग के रूप में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद हम समाज और देश को अलर्ट नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय विकास पत्रकारिता की दृष्टि से श्रेष्ठ समय है। गांव का हर रिपोर्टर अपने आप में वैश्विक रिपोर्टर है। वैश्विक और स्थानीय समस्याएं एक दूसरे से कहीं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने समाचार संस्थानों की ओर से न्यूज़ कवरेज के बजट पर निरंतर होती कमी पर भी चिंता प्रकट की।
कम्युनिकेशन टुडे की ओर से 'पर्यावरण दिवस' वेबिनार का आयोजन
'विकास संवाद', भोपाल के निदेशक, सचिन कुमार जैन ने विकास पत्रकारिता को व्यापक रूप से परिभाषित करने और उसके पैमाने विकसित करने की आवश्यकता महसूस की। उनका मानना था कि हमें इकोलॉजी के संरक्षण और उसका प्रभावी इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। आंकड़ों के भ्रामक जाल से बाहर निकल हमें विकास पत्रकारिता के माध्यम से कम्युनिटी को विकसित करना होगा। उन्होंने विकास पत्रकारिता को व्यापक दृष्टि से देखने समझने और विश्लेषित करने की आवश्यकता महसूस की। उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीति, फेक न्यूज़ सहित अनेक मुद्दों पर तो बात होती है लेकिन विकास पर बात नहीं होती है । उन्होंने विकास पत्रकारिता से जुड़े पत्रकारों से सरल सहज भाषा में अपनी बात कहने का आह्वान किया।
'न्यूज़ पोटली' डिजिटल प्लेटफॉर्म के संस्थापक अरविंद शुक्ला ने देश के विभिन्न अंचलों में अपनी यात्राओं के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, दूरदराज के क्षेत्रों में आज भी विकास का लाभ नहीं पहुंचा है। आम आदमी आज भी न्यूनतम सुविधाओं से वंचित है ऐसे मुद्दों पर मुख्यधारा का मीडिया प्रायः ध्यान नहीं देता है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की यात्रा के अनेक उदाहरणों से आम आदमी की पीड़ा और व्यथा को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किस तरह खबर का विषय बनाया, उसकी विस्तार से रोचक चर्चा की।
प्रारंभ में वेबिनार की आयोजन सचिव और मेरठ के शहीद मंगल पांडे पीजी गर्ल्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की व्याख्याता डॉ उषा साहनी ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत उद्बोधन से वेबिनार का प्रारंभ किया। उन्होंने कम्युनिकेशन टुडे की ऐतिहासिक यात्रा को भी संक्षेप में बताया। तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी, मेरठ में मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर ने संभाला। वेबिनार में देश भर के विभिन्न अंचलों से 236 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया।
197 वर्षों की हिन्दी पत्रकारिता अनेक उतार चढ़ाव की साक्षी -डॉ. अलीम अहमद खॉन |
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