पहले मां के हाथ में लगी गोली, फिर बच्ची को
गोली पहले बच्चे की मां नीलम की उंगलियों पर टकरा उसे चीरती हुई फिर जाकर बच्ची को लगी। शायद इसी के कारण गोली की रफ्तार धीमी पड़ गई और बुलेट की फोर्स कम होने पर बच्ची को जब गोली लगी, तब वहां सिर्फ रो रही थी... पर जीवित थी। बच्ची की मां नीलम को यह अंदाजा नहीं था कि उसकी बच्ची को भी गोली लगी है।
क्यों कोर्ट आई थी नीलम?
07 जून को लखनऊ के बख्शी का तालाब की रहने वाली नीलम अपने ससुर और पति के साथ केस के मामले में एससी-एसटी कोर्ट आई हुई थी। नीलम और उनका परिवार बीकेटी के भैसामाउ गाजीपुर गांव के रहने वाले हैं और उसका पड़ोसी वैजनाथ से रास्ते को लेकर कुछ विवाद हो गया था।
इसके बाद पड़ोसी बैजनाथ ने जगदीश और उनके बेटे सौरभ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था और इसी मामले में कल 7 जून को तारीख लगी हुई थी। जगदीश के साथ उनका लड़का सौरव, बहु नीलम और डेढ़ वर्षीय पोती लक्ष्मी उर्फ लाडू कोर्ट आई हुई थी। नीलम के पिता चंद्रेश भी साथ में आए हुए थे।
परिवार कोर्ट रूम के बाहर बरामदे में बैठकर अपनी पेशी के बारी का इंतजार कर रहा था, इधर इंतजार करते-करते नीलम की मासूम बच्ची मां के गोद में ही सो गई और तभी फायरिंग शुरू हो गई, जिसमें नीलम की हाथ की उंगलियों को चीरते हुए गोली बच्ची को जा लगी। हालांकि बच्ची अब स्टेबल है।
बच्ची से मिलने पहुंचे सीएम योगी
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखनऊ के केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचकर मासूम बच्ची का हाल जाने। सीएम योगी ने इमरजेंसी सर्जरी यूनिट के डॉक्टरों से बच्ची के स्वास्थ्य का जायजा लिया और डॉक्टरों को बच्ची स्वास्थय पर कड़ी निगरानी के साथ लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए।