'जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ के उद्घोष से वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव हुआ प्रारंभ !
‘हलाल’ के माध्यम से चल रहे आर्थिक आक्रमण को उत्तर दें! - रणजित सावरकर, कार्याध्यक्ष, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक
गोवा। वर्तमान स्थिति में हिन्दू 80 प्रतिशत हैं; परंतु जाति, प्रांत में विभाजित हो गए हैं। वर्ष 1790 में इस भारत में हिन्दुओं की संख्या लगभग 100 प्रतिशत थी। मोहम्मद बिन कासिम का आक्रमण हुआ और उसने हिन्दुओं में पडी हुई फूट का उपयोग कर हिन्दू राजा दाहिर का पराभव किया। हिन्दू संगठित नहीं हैं, यह हमारे पराभव का प्रमुख कारण है। नौखाली में जिस प्रकार हिन्दुओं का हत्याकांड हुआ, उसी प्रकार आज भी बांग्लादेश में हिन्दुओं के सिर काटे जा रहे हैं। प्राचीन लडाई तलवार के बल पर थी तथा आज की लडाई आर्थिक स्तर पर चल रही है। ‘हलाल जिहाद’ के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र, व्यवसाय मुसलमान नियंत्रण में ले रहे हैं। उसका प्रत्युत्तर देने के लिए प्रत्येक व्यवसाय में हिन्दुओं को जोडकर अपनी आर्थिक शक्ति बढाकर उसका उत्तर देना पडेगा, ऐसा आवाहन ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष एवं वीर सावरकरजी के पोते रणजित सावरकरजी ने किया। वे ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा के ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ अर्थात एकादश ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। इस अधिवेशन में देश विदेश तथा भारत के विविध राज्यों के 312 से अधिक हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित हैं।
मध्यप्रदेश से धर्मरक्षक, हिंदू सेवा परिषद, हिंदू धर्म सेना, श्रीराम युवा सेना ऐसे 25 संघटन के 51 से अधिक प्रतिनिधी इस अधिवेशन मे सहभागी हो रहे हैं।
‘हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन’ द्वारा देशभर में ‘लव-जिहाद विरोधी कानून’ की मांग !
‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ से एकत्रित हुई हिन्दू शक्ति हिन्दू राष्ट्र निर्माण के लिए जोडी जाएगी ! - सद्गुरु डॉ.चारुदत्त पिंगले राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
खालिस्तान का आतंकवाद, श्रीरामनवमी-हनुमानजयंती आदि त्योहारों पर दंगों की बढी हुई संख्या, समलैंगिक विवाह का समर्थन, ‘लिव इन रिलेशनशिप’ के व्यभिचार को मान्यता, अश्लीलता का बढता प्रकोप, अनैतिकता को संवैधानिक बनाने का प्रयत्न सहित अनेक आवाहन हिन्दुओं के सामने हैं । इन सर्व समस्याओं पर ‘सेक्युलर’ राज्यव्यवस्था में कोई उत्तर नहीं है तथा शाश्वत हिन्दू राष्ट्र ही उसका उत्तर है। सनातन धर्मदर्शन में हिन्दू विश्व, अर्थात वैश्विक हिन्दू राष्ट्र का विचार है। इसलिए यह ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ एक प्रकार का जनमंथन है। इस जनमंथन से एकत्रित हिन्दू शक्ति ही हिन्दू राष्ट्र निर्माण के विश्वकल्याणकारी कार्य के लिए जोडी जानेवाली है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगलेजी ने इस अवसर पर किया ।
ग्रंथों का हुआ लोकार्पण
इस अवसर पर ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की अनमोल सीख’ (खंड १) : साधना प्रत्यक्ष सिखाने की पद्धति’ इस हिन्दी एवं मराठी ग्रंथ का लोकार्पण संतो के करकमलों से किया गया।
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