मध्यप्रदेश में हुई की पशु एंबुलेंस की शुरुआत, 1962 डायल करते ही पहुंचेगी मेडिकल टीम अब पशुओं के इलाज के लिए भी उपलब्ध होगी एम्बुलेंस : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि आज वह दिन आ गया है जब एम्बुलेंस केवल इंसान के लिए ही नहीं
गो-माता और अन्य पशुओं के इलाज के लिए भी उपलब्ध होगी। एम्बुलेंस में एक पशु
चिकित्सक और सहायक उपलब्ध होंगे। आपात स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए टोल फ्री
नं. 1962 जारी किया गया है। बीमार पशु को अस्पताल तक ले
जाना बड़ी समस्या होती थी। अब इन एम्बुलेंस के आने से पशु चिकित्सालय स्वयं
पशुपालक के द्वार पर उपस्थित होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने सम्मेलन में पधारे
गो-पालकों और गो-संरक्षकों पर पुष्प-वर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री चौहान
को सृष्टि सृजन और संचालन में गौ की महत्ता को प्रतिपादित करता गोबर से निर्मित
शिवलिंग भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सृष्टि के कण-कण में ईश्वर विद्यमान है। दशावतार इसका प्रतीक है कि सभी
प्राणियों में ईश्वर का वास है। गो को माँ मानना हमारी संस्कृति का आधार है। भगवान
कृष्ण ने गोवर्धन की पूजा कर हमें प्रकृति पूजा का संदेश दिया। भारतीय चिंतन और
दर्शन के "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धांत को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण विश्व में स्थापित किया है।
चालित पशु चिकित्सा इकाई
— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) May 12, 2023
गौ रक्षा का संकल्प… 🙏🏻🚩@ChouhanShivraj @OfficeofSSC pic.twitter.com/X9aVbBg1fr
गो-वंश के अवैध
परिवाहन में लिप्त वाहन राजसात होंगे
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में गो-वंश की
हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है। गो-हत्या करने वाले को
7 साल और अवैध परिवहन पर कारावास का प्रावधान है। गो-वंश के
अवैध परिवहन में लिप्त वाहनों को राजसात किया जाएगा।
प्राकृतिक खेती के साथ गाय पालने के
लिए 900 रूपये प्रतिमाह दिए
जाएंगे
प्राकृतिक खेती के लिए गाय आवश्यक है। गो-मूत्र औरगोबर से ही
घनामृत और जीवामृत बनते हैं। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय पालने के
लिए 900 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस माह 22 हजार किसानों को योजना की किस्त जारी की
जाएगी जनजातीय भाई-बहनों को गो-पालन के लिए गाय खरीदने
पर 90 प्रतिशत सब्सिडी
उपलब्ध कराई जाएगी। गोबर, गो-मूत्र सहित अन्य
गो-उत्पादों के व्यवसाय को लाभकारी बनाने के लिए भी राज्य सरकार प्रयासरत है। गाय
के गोबर से सीएनजी बनाने के प्रोजेक्ट पर जबलपुर में कार्य जारी है। प्रदेश में
अलग-अलग स्थानों पर गोवर्धन प्लांट स्थापित कर गोबर खरीदने की व्यवस्था की जाएगी, इससे सीएनजी निर्मित होगी।
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आत्म-निर्भर बनें
गो-शालाएँ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरी अपील है कि प्रदेश की हर
गो-शाला आत्म-निर्भर बने। श्मशान घाटों में लक़ड़ी कम से कम जले और गोबर से बनाई
गई गो-काष्ठ का उपयोग अधिक हो। दूध के अतिरिक्त गाय के गोबर, गो-मूत्र, गोकाष्ठ आदि पशुपालक किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बने। मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने प्राकृतिक खेती को अपनाने, खेतों में
पराली न जलाने, गो-ग्रास में अपना नियमित योगदान देने
का आहवान भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको यह चिंता करनी होगी कि गो-वंश
सड़कों पर आवारा और बेसहारा न घूमे।
इस अवसर पर राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक मुरलीधर राव, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, सांसद भोपाल प्रज्ञा ठाकुर, मध्यप्रदेश गो-संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी
अखिलेश्वरानंद गिरि सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Thought: आज़ाद ख़्याली पर मज़हब भारी