भगवान की भक्ति के लिए नहीं की शादी
बताया जाता है कि बीते 31 साल से बल्लू गांव में मौजूद मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना में जुटा हुआ है और भोले बाबा की भक्ति के कारण उसके मन में कभी शादी का विचार नहीं आया। बल्लू राम के सात बहन भाई हैं, लेकिन उम्र के अंतिम पड़ाव में उसने शादी करने का निर्णय लिया। फिर बल्लू के लिए परिवार-रिश्तेदारों ने लड़की ढूंढना शुरू कर दिया।
एक दिन बल्लू को जानकरी लगी कि नापा का बास की रहने वाली विनीता दिव्यांग है और उसकी शादी नहीं हो रही है। ऐसे में 31 वर्ष तक भोले बाबा की सेवा करने वाले बल्लू राम ने विनीता से शादी करने का निर्णय लिया है।
पेड़ से गिरने से विनीता की कमर के नीचे हिस्सा हुआ बेकार
इधर, विनीता के परिवार का कहना है कि विनीता जब 12 साल की थी तब आंगन में लगे पेड़ से नीचे गिरने से उसकी रीड़ की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया था। सालों तक उसका इलाज कराया, लेकिन विनीता का कमर के नीचे का हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। बेटी के दिव्यांग होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पा रही थी।
परिवार के मुताबिक बीच में उसके लिए रिश्ता आया था. मगर, वह लड़का भी दिव्यांग था. ऐसे में विनीता का ख्याल कौन रखता इसकी समस्या सामने खड़ी हो रही थी. फिर जब बल्लू राम का रिश्ता आया तो हम लोग राजी हो गए।
धूम-धाम से की गई शादी
दोनों परिवारों ने बल्लू और विनीता का रिश्ता तय किया और फिर तीन मई को दोनों की पूरे रीति-रिवाजों के साथ शादी कराई गई. बल्लू शेरवानी और साफा पहनकर बारात लेकर पहुंचा था. विनीता के परिवार की महिलाओं ने बल्लू का स्वागत किया और शादी की रस्में निभाईं।
भाई ने गोद में उठा कर लगवाए सात फेरे
फेरों के वक्त विनीता को उसके भाई ने गोद में उठाया था. ऐसे बल्लू और विनीता ने अग्नि के साथ फेरे लिए। इसके बाद शादी की बाकी की रस्मों को निभाया गया।
वहीं, इस शादी से दोनों परिवारों के साथ-साथ पूरे गांव के लोग काफी खुश हैं। गांव के लोग बल्लू राम की तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि बल्लू राम के इस फैसले से दिव्यांग लड़की की जिंदगी संवर गई।
यह भी एक सेवा
शादी पर बल्लू राम का कहना है कि भगवान की सेवा 31 सालों से कर रहा हूं। कभी शादी का नहीं सोचा था। ऐसे में विनीता के बारे में जानकारी मिली तो उससे शादी कर ली। यह भी एक तरह की सेवा है. विनीता का सहारा मिलेगा।