कम्युनिकेशन टुडे का 82वीं वेबिनार 'हिंदी पत्रकारिता किधर?' आयोजित
जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे द्वारा 82वां वेबिनार 'हिंदी पत्रकारिता किधर?' का आयोजन 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' पर 30 मई को किया गया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए दैनिक जागरण,धनबाद के संपादकीय प्रभारी डॉ चंदन शर्मा ने अल्प वेतन एवं अन्य अनेक चुनौतियों के बावजूद देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी के पत्रकारों ने खोज पूर्ण पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। उनका मानना था कि छपे शब्द अब कोई नहीं पढ़ना चाहता है । ऐसी स्थिति में फेक न्यूज़ से बचना बड़ी चुनौती हो गई है।
दैनिक हिंदुस्तान ,नई दिल्ली के संपादकीय पृष्ठ के प्रभारी श्री ज्ञानेश उपाध्याय का मानना था कि जिधर समाज जाता है उधर पत्रकारिता जाती है । पढ़ाई लिखाई के अभाव की प्रवृत्ति ने पत्रकारिता को भी प्रभावित किया है । पत्रकारिता के विविध स्वरूपों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य का मीडिया डिजिटल मीडिया है जिसने प्रिंट मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी की है। श्री उपाध्याय ने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठानों से जुड़ी खबरें समाचार पत्रों में बहुत कम होती है। हमें अपनी कुंठा से ऊपर उठना होगा क्योंकि समाज की कुंठा पत्रकारिता में भी कभी-कभी दिखाई देती है।
रायपुर, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार श्री बाबूलाल शर्मा ने कहा कि एक समय था जब पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले पत्रकार जनहित के लिए आते थे लेकिन अब स्थितियां बदलने लगी हैं।आपातकाल के बाद पत्रकारिता के स्तर में व्यापक बदलाव आया है।पत्रकारों की हिम्मत भी टूटने लगी है। पूंजी एवं शक्ति के बल पर लोग पत्रकारिता में प्रवेश कर रहे हैं। सोशल मीडिया को उन्होंने पत्रकारिता की एक चुनौती माना।
वीबीएस पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्रा का भी मानना था कि भविष्य डिजिटल पत्रकारिता का है। उन्होंने कहा कि संपादकों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
संवाद का संचालन तथा विषय की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करते हुए कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने हिंदी के पहले पत्रकार युगल किशोर शुक्ल की प्रखर स्वातंत्र्य चेतना का उल्लेख करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष के योगदान की चर्चा की । उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता की लगभग 2 सदी की यात्रा में व्यापक बदलाव आए हैं।
चर्चा में नारनौल के डॉ दयानंद कात्यायन , जौनपुर के पत्रकारिता के विद्यार्थी राहुल यादव तथा कानपुर की मीडिया शिक्षक डॉ रश्मि गौतम ने भी चर्चा में अपने विचार प्रकट किए।
वेबिनार का तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी मेरठ की मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर ने संभाला वेबीनार के लिए पड़ोसी राष्ट्रों सहित देश के विभिन्न अंचलों से 314 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।
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