मणिपुर में हिंसा की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने मणिपुर समेत पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इसके साथ ही राज्य में अब ब्रॉडबैंड सेवा भी बंद कर दी गई है। लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस वक्त सुलग रहा है. हालात यह हैं कि यहां भड़की हिंसा के बाद स्थिति को सामान्य करने के लिए भारी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। सामने आया है कि मोरेह और कांगपोकपी में तो स्थिति नियंत्रण में है और हालात स्थिर हैं, लेकिन अभी इंफाल और सीसीपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। एहतियात के तौर पर मणिपुर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती जारी रहेगी। इसके अलावा नागालैंड से अतिरिक्त कॉलम भी फिर से तैनात किए गए। वहीं मणिपुर हिंसा की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं।
गृह मंत्री शाह लगातार ले रहे स्थिति का जायजा
मणिपुर में बीते तीन दिनों से स्थिति खराब है। इसके पहले बुधवार-गुरुवार को ही सरकार ने यहां इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए. उन्होंने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक आईबी और राज्य के साथ-साथ केंद्र के संबंधित अधिकारियों के साथ दो वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग बैठकें कीं। मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। गुवाहाटी और तेजपुर से गुरुवार रात को सेना के अतिरिक्त बल भारतीय वायुसेना के विमानों के जरिए मणिपुर लाए जाने की बात भी सामने आई है।
कहां कैसी है स्थिति?
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में नागालैंड से अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. अब मोरेह और कांगपोकपी में स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है जबकि इंफाल और चुराचंदपुर में हालात को सामान्य करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। सामने आया है कि मणिपुर में सुरक्षा बलों की बड़ी तैनाती हो रही है। सेना के साथ बीएसएफ, सीआरपीएफ और असम राइफल्स की कई कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है. शुक्रवार को भी सुरक्षा बलों की और तैनाती की जाएगी। सीआरपीएफ की सबसे ज्यादा तैनाती पहाड़ी राज्य में की जा रही है।
ब्रॉडबैंड सेवा भी निलंबित?
हिंसा को देखते हुए, मोबाइल डेटा के बाद अब मणिपुर में ब्रॉडबैंड सेवाएं भी निलंबित हैं. सरकार ने रिलायंस जियो फाइबर, एयरटेल एक्सट्रीम, बीएसएनएल आदि को हिंसा और अफवाह फैलाने के लिए ब्रॉडबैंड और डेटा सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मणिपुर राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण अगले 5 दिनों के लिए इनके निलंबन का आदेश दिया गया है। MHA के शीर्ष अधिकारी लगातार राज्य के संपर्क में है स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर?
वहीं, लोगों की किसी भी प्रकार की सहायता के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर एक्टिव किए हैं।वर्तमान में मणिपुर और इंफाल शहर में नागालैंड के लोगों के लिए किसी को भी सहायता की जरूरत अगर पड़ती है तो राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं:
मेघालय के बाद, नागालैंड ने भी राज्य के उन लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जो मणिपुर में फंसे हो सकते हैं।
Control Room: 0370 2242511
FAX: 0370 2242512
What's App: 08794833041
E-Mail: spcrkohima@gmail.com
NSDMA: 0370 2381122/2291123
सेना ने किया फ्लैग मार्च
भारतीय सेना ने गुरुवार को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के अशांत इलाकों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे पर अदालत के आदेश को लेकर आदिवासी समूहों के विरोध के बीच फ्लैग मार्च किया। किसी भी तरह की हिंसा की घटना को रोकने के लिए, मणिपुर सरकार ने हिंसा भड़कने और मणिपुर की राजधानी इंफाल, और चुराचंदपुर जिलों में स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने के बाद बुधवार रात राज्य के कुल आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है।
7500 लोगों को राहत शिविर में शरण
मणिपुर सरकार ने बुधवार को पूरे पहाड़ी राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया था. जैसे ही स्थिति खराब हुई और नियंत्रण से बाहर हो गई, मणिपुर सरकार ने अस्थिर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स को बुलाया, जिन्होंने अशांत क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया और स्थिति को नियंत्रित किया. हिंसा भड़कने के कारण राज्य के कई इलाकों में 7,500 से अधिक लोगों को सेना के शिविरों और सरकारी कार्यालयों में आश्रय दिया गया था।
सेना ने चलाया बचाव अभियान
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, “भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए रात भर सभी समुदायों के 7,500 से अधिक नागरिकों को निकालने के लिए बड़े बचाव अभियान चलाए। भारतीय सेना मणिपुर की आबादी की भलाई और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।” ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन, मणिपुर (एटीएसयूएम) ने गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग के विरोध में बुधवार को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आह्वान किया था।
हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश
इस बीच, केंद्रीय और राज्य बलों को ऐसे लोगों या समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, जो किसी भी तरह की हिंसा में शामिल पाए जाते हैं। राज्य में बिगड़ रहे हालात को देखते हुए, संबंधित जिला प्रशासन ने गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है. मणिपुर की रहने वाली ग्लैडी ने कहा कि उनकी भाभी शिलांग से चुराचंदपुर जा रही थी। वह इनके बीच में ही कहीं, रास्ते में किसी जगह छिपी हुई हैं। वह अपने बच्चे को अपने साथ ले जा रही है और कल से फंसी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें अब तक किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली है।
बोले लोग- 'हम डरे और छिपे हुए हैं'
दूसरी तरफ, आम जन-जीवन भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. दुकानें और पेट्रोल डिपो ज्यादातर समय बंद रहते हैं, इसलिए पुलिस कर्मियों की कड़ी चौकसी के बीच पेट्रोल डिपो में लंबी कतारें भी दिख रही हैं। इंफाल की रहने वाली अलीना ने कहा कि, 'कर्फ्यू के कारण दुकानें और सार्वजनिक परिवहन बंद हैं. झड़प के कारण हम बाहर जाने से डर रहे हैं। मैं कॉलेज नहीं जा पा रही हूं इससे हमारी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. मैं सरकार से इस मामले को सुलझाने का अनुरोध करती हूं।
मेइती और कुकी दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने
सुरक्षाकर्मी उन आदिवासी छात्रों को निकालने में भी मदद कर रहे हैं, जो उनके छात्रावासों में फंसे हुए थे। उधर,दूसरी ओर सामने आया है कि चीजों को और भी बदतर बनाने के लिए, मैतेई समुदाय के लोग कथित तौर पर प्रत्येक वाहन की जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंफाल में कुकी समुदाय से संबंधित एक भी व्यक्ति दूर न जाने पाए. लोगों ने शिकायती लहजों में कहा है कि ऐसी चीजों से स्थिति और खराब हो रही है। चुराचांदपुर में इसके विपरीत स्थिति है, जहां कथित तौर पर कूकी समुदाय ने मेइती समुदाय के साथ हिंसा की।वह मेइती लोगों की कारों और घरों में घुस कर लोगों की जांच भी कर रहे हैं।