Chandra Grahan 2023 Date and Time:
साल का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार, 5 मई को लगेगा. चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 44 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन देर रात 1 बजकर 02 मिनट पर होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 15 मिनट की बताई जा रही है।
साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जो तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा। चंद्र ग्रहण 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के महासंयोग में लग रहा है। सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी हमारी जीवन पर बड़ा प्रभाव डालता है। हालांकि चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों में बड़ी कन्फ्यूजन है। चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखेगा? चंद्र ग्रहण का समय क्या होगा? इसमें सूतक काल लगेगा या नहीं? ऐसे बहुत से सवाल लोगों के जेहन में चल रहे हैं. आइए आपको चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर जरूरी बात विस्तार से बताते हैं।
चंद्र ग्रहण कितने बजे लगेगा? (Chandra Grahan 2023 Timing)
साल का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार, 5 मई को लगेगा। चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 44 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन देर रात 1 बजकर 02 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 15 मिनट की बताई जा रही है।
कहां-कहां दिखेगाकहां चंद्र ग्रहण? (Chandra Grahan 2023 Where to watch)
साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा. हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
क्या चंद्र ग्रहण में लगेगा सूतक काल? ((Chandra Grahan 2023 Sutak kaal timing)
ज्योतिषविदों का कहना है कि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है. हालांकि 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. आप बिना किसी संकोच के पूजा-पाठ कर सकते हैं। साथ ही, भोजन,विश्राम या दैनिक कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। गर्भवती महिलाओं को भी किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
देश-दुनिया पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? ((Chandra Grahan 2023 Impact)
चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लगेगा, इसलिए भारतीयों को इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि पश्चिमी देशों में समस्याएं बढ़ सकती हैं। प्राकृतिक आपदाओं की संभावना भी बनेगी।
ग्रहण काल में कैसे मिलेगा लाभ?
ग्रहण काल में मंत्र जाप, स्तुति और ध्यान करना विशेष लाभकारी होता है. आप 'ओम नम: शिवाय' या चंद्रमा के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इस अवधि में की गई आराधना निश्चित रूप से स्वीकार होती है. यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वह भी ग्रहण काल में विशेष शुभ होता है. ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को कुछ न कुछ दान अवश्य करें।
चंद्रग्रहण के बाद क्या करें?
चंद्रग्रहण के बाद पूजा स्थान की साफ-सफाई करें. पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें. स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद अपने गुरु या शिव जी की उपासना करें. फिर किसी निर्धन व्यक्ति को सफेद वस्तु का दान करें।
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण? (Penumbra Lunar Eclipse)
5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण वास्तव में एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है. हर चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य (Penumbra) कहा जाता है. अक्सर चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है और उसका स्वरूप धुंधला सा दिखाई देने लगता है. इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण को धार्मिक महत्व नहीं दिया गया है, इसलिए इसमें सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।