LPG सिलेंडर हो गया सस्ता
सरकारी तेल-गैस कंपनियां हर महीने पहली तारीख को रसोई गैस की कीमतों में बदलाव करती हैं। हर महीने की तरह इस महीने के पहले दिन भी LPG सिलेंडर की कीमतों को संशोधित किया गया है। पहली जून यानी आज से एक बार फिर कमर्शियल सिलेंडर दिल्ली में 83.5 रुपये सस्ता कर दिया गया है। अप्रैल और मई महीने की पहली तारीख को भी 19 किलो वाले कमर्शियल LPG गैस सिलेंडर के दाम में कटौती की गई थी। एक मई 2023 को कॉमर्शियल सिलेंडर करीब 172 रुपये सस्ता हुआ था. ताजा कटौती के बाद अब दिल्ली में ये 1773 रुपये का हो गया है। वहीं चेन्नई में ये घटकर1937 रुपये, कोलकता में 1875.50 रुपये और मुंबई में 1725 रुपये का हो गया है। हालांकि, इस बार भी 14 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स खरीदने पर ज्यादा खर्च
देश में दूसरे बड़े बदलाव की बात करें तो एक जून से देश में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स खरीदना महंगा हो गया। यानी इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर खरीदने के लिए आपको ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। बीते 21 मई 2023 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारी उद्योग मंत्रालय ने FAME-II सब्सिडी राशि में बदलाव किया है और इसे कम करके 10,000 रुपये प्रति kWh कर दिया है। वहीं, पहले यह राशि 15,000 रुपये प्रति kWh थी। इस वजह से अधिकतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 25,000 रुपये से 35,000 रुपये तक महंगे हो सकते हैं।
बेनामी बैंक जमा को लेकर अभियान
आज 1 जून से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) देश के बैंकों में जमा अनक्लेम्ड अमाउंट के सेटमेंट को लेकर अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान का नाम '100 दिन 100 भुगतान' (100 Days 100 Pay) दिया गया है। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में बैंकों को पहले से ही सूचित कर दिया है। इस अभियान के तहत 100 दिन में 100 अनक्लेम अमाउंट को सेटल किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
फार्मा कंपनियों से जुड़ा नया नियम
चौथे बदलाव की बात करें तो ये फार्मा कंपनियों से जुड़ा हुआ है। दरअसल, भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने कफ सिरप (Cough Syrup) के सैंपल की जांच कराने के लिए निर्देशित किया है। 1 जून से निर्यात से पहले सिरप का टेस्ट करवाना जरूरी हो गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा है कि खांसी की दवाई के निर्यातकों को पहली तारीख से प्रभावी उत्पाद निर्यात करने से पहले एक सरकारी प्रयोगशाला द्वारा जारी विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सही पाए जाने के बाद ही निर्यात होगा। बता दें, भारतीय फर्मों द्वारा निर्यात किए जाने वाले खांसी के कफ सिरप पर विदेशों में गुणवत्ता संबंधी चिंताएं जताए जाने के बीच यह बड़ा फैसला लिया गया है।