क्यों खानी पड़ी थी कसम?
नीतीश कुमार ने एक रैली में कहा था कि आजकल जीतन मांझी पर बीजेपी की नजर है। उन्होंने कहा था, 'अब मांझी जी पर लगा हुआ है, अब मांझी जी को इधर-उधर नहीं करना है. हमी लोग उनको आगे बढ़वा देंगे।' नीतीश के इस बयान के बाद महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में मांझी ने नीतीश कुमार को भरोसा दिया था कि वे मुख्यमंत्री का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।
नीतीश से नाराज हैं जीतनराम मांझी
भले ही मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा हो कि वे महागठबंधन में रहना चाहते हैं। लेकिन खबर ये है कि जीतनराम मांझी नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. दरअसल, नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। लेकिन नीतीश ने इस बैठक का न्योता महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा है।
मांझी ने की थी नीतीश से मुलाकात
इससे पहले जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस दौरान उनके बेटे संतोष भी मौजूद थे। तब उन्होंने नीतीश के सामने मांग रखी थी कि उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीटों पर लड़ेगी। नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा था कि हम गठबंधन के तहत सूबे की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी पार्टी के लिए बिहार में पांच लोकसभा सीटें भी कम हैं। उन्होंने कहा कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे। ये सभी को पता है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
अमित शाह से मुलाकात कर चुके मांझी
इससे पहले इसी साल 13 अप्रैल को मांझी ने दिल्ली जाकर गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। अमित शाह से मुलाकात के दौरान मांझी ने माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई थी। मांझी और अमित शाह की मुलाकात से एक बार फिर संकेत मिलने लगे थे कि 2024 से पहले वह एनडीए में वापस आ सकते हैं। हालांकि, मांझी हमेशा इस बात से इनकार करते आए हैं और कसमें खाते रहे हैं कि वह हमेशा नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे।
NDA में शामिल होने पर क्या बोले संतोष सुमन
संतोष सुमन ने इस्तीफा देने के बाद कहा, जदयू चाहती थी कि हम अपनी पार्टी को उनके साथ मर्ज कर दें। लेकिन हमें वो मंजूर नहीं था। हम अकेले संघर्ष करेंगे। हमें जदयू में विलय नहीं करना है। नीतीश कुमार लगातार हमसे विलय करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने इनकार कर दिया।
संतोष सुमन ने कहा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं ये अलग बात है। हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं। नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे हैं। हम नीतीश कुमार के लिए अपनी पार्टी कैसे तोड़ दें। अभी हम महागठबंधन में हैं। कोशिश करेंगे कि उसी में रहें, लेकिन अगर सीट नहीं देंगे, तो हम अपना रास्ता देखेंगे।