CM शिवराज सिंह चौहान ने 'गंगा जमुना स्कूल' मामले की उच्च स्तरीय जांच के दिए निर्देश, दर्ज हुई FIR
मध्य प्रदेश में दमोह जिले के गंगा-जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल से हिन्दू बच्चियों के हिजाब में पोस्टर वायरल होने के बाद से दिन-व-दिन नए खुलासे हो रहे हैं। विवादों में आए इस स्कूल में सबसे पहले हिज़ाब मामला, शिक्षकों का मतांतरण का धर्मांतरण और टेरर फंडिंग जैसी बड़ी खबर सामने आई थी। परन्तु हद तो जब हो गई जब स्कूल के पोस्टर में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहने भी दिखाया गया।
अब दमोह के गंगा जमना स्कूल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज हुई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर दमोह पुलिस ने स्कूल संचालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 295, 506 और जूविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत् मामला दर्ज कर लिया है।
ज्ञातव्य है कि, हिंदू छात्राओं के हिजाब पहनने के आरोप लगने के बाद हिंदू संगठन द्वारा इस मामले में विरोध प्रदर्शन भी किया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के निर्देश दिए थे। गृह मंत्री के आदेश के साथ अब सीएम ने भी इस मामले में सख्ती दिखाई है।
प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह के गंगा जमुना स्कूल से सामने आए मामले पर उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी किसी बेटी या बच्चे को हिजाब बांधने या अलग ड्रेस पहनने पर विवश नहीं कर सकता। इसके लिए हम कठोर से कठोर कार्यवाही करेंगे।
दमोह के गंगा जमुना स्कूल से सामने आए मामले पर उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं, मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी किसी बेटी या बच्चे को हिजाब बांधने या अलग ड्रेस पहनने पर विवश नहीं कर सकता। इसके लिए हम कठोर से कठोर कार्यवाही करेंगे। pic.twitter.com/oKNq8vLi5C
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 7, 2023
वहीं मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने का कहना है कि, मध्य प्रदेश के दमोह के गंगा जमुना स्कूल (Damoh Ganga Jamuna School Case) में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद टेरर फंडिंग से लेकर पीएफआई कनेक्शन तक की बातें निकल कर सामने आ रही हैं। अब इस मामले में एमपी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। हिजाब पर बवाल के बाद अब सरकार गंगा जमुना स्कूल के 1200 बच्चों का वैकल्पिक स्कूलों में दाखिला कराएगी। स्कूल में जिस तरह की गतिविधियां चल रही थी, इस पर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिये थे। एफआईआर के आदेश दिए जा रहे हैं। इसका मतलब स्कूल में गड़बड़ था, जो यूनिफॉर्म के मामले से भी आगे था।
दमोह के अशासकीय शिक्षण संस्थान गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कार्यवाही।
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) June 2, 2023
मान्यता निलंबित।
मध्यप्रदेश की धरती पर ऐसी हरकतें नहीं चलेंगी, ऐसे स्कूल बंद कर दिये जाएंगे। pic.twitter.com/KFUgO9O0bL
स्कूल में मिली थी, अव्यवस्थायें
लोक शिक्षण संयुक्त संचालक के नोटिस में कहा गया है कि विद्यालय में लाइब्रेरी की व्यवस्था नहीं है। भौतिक शास्त्र और रसायन शास्त्र के प्रयोग शाला में पुराना फर्नीचर और दोनों प्रयोगशाला में प्रायोगिक सामग्री नहीं पाई गई। स्कूल में दर्ज 1208 विद्यार्थियों के हिसाब से अलग-अलग शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं पायी गयी। कम्प्यूटर लैब में तय संख्या में कम्प्यूटर नहीं पाये गये। स्कूल की कक्षाओं में बैठक व्यवस्था के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं पाया गया। मान्यता नियमों के तहत् खेल मैदान और खेल सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था नहीं पायी गई। गंगा-जमुना स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के परिवहन के लिए वाहन, रखरखाव के लिए पर्याप्त स्थान जैसे दिशाा निर्देशों का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट के आदेश 4 दिसम्बर 2020 के परिपालन में ऑनलाईन आवेदन क्रमांक डीपीआई -2111125 अनुसार कक्षा 9 वीं और 11 वीं में 40-40 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या मान से 12 जनवरी 2021 को मान्यता प्रदान की गई थी. जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के निरीक्षण में सत्र 2022-23 में विद्यालय में तय संख्या से अधिक विद्यार्थी दर्ज पाए गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दमोह के गंगा जमना स्कूल के संचालक का काफी फैला हुआ साम्राज्य है। स्कूल के संचालकों का दमोह सहित मध्यप्रदेश और दूसरे बड़े शहरों में अरबों का कारोबार फैला हुआ है। गंगा जमना बीड़ी के नाम से तेंदुपत्ता के बड़े बाजार पर भी कब्जा है। जंगलों से तेंदुपत्ता संग्रहण में भी एकाधिकार। इतनाा ही नहीं इस मामले में पक्ष विपक्ष के कई बड़े राजनेताओ से सीधे संबंध है।
स्कूल संचालक 2000 एकड़ से भी ज्यादा जमीन का मालिक है। कपड़े के कारखाने, हार्डवेयर का काम, रेत खनन में भी एकतरफा काम है। इतना ही नहीं पेट्रोल पंप से लेकर दाल मिल्क का भी काम है। इसी दाल मिल से सऊदी अरब,यूएई में सप्लाई होती है। धर्मकांटा से लेकर सैकड़ों दुकान इस संचालक के नाम पर है। दिल्ली, भोपाल, जबलपुर, हैदराबाद में कई फ्लैट और आफिस होने की भी जानकारी मिली है।