बच्चों के लिए बनाई है फिल्म
मनोज मुंतशिर कहते हैं, 'फिल्म का लक्ष्य सनातन की कथा को, भगवान श्रीराम की जो एपिक स्टोरी है, ये बच्चों तक पहुंचाना है। ये फिल्म वही कर रही है, जो इसे करना था। बच्चे अपने असली नायकों को जानें। हम ऐसे दौर में हैं जहां एक्सपोजर बहुत ज्यादा है। बच्चों के दिलों-दिमाग पर हॉलीवुड के कैरेटर रूल करते रहते हैं। बच्चे हल्क और सुपरमैन को जानते हैं लेकिन हनुमान और अंगद को नहीं जानते। हमारी कोशिश थी कि जो हमारे किरदार हैं, वो बच्चों तक भी पहुंचें। जो युवा वर्ग है वो भी इस फिल्म को देखें।
उनसे पूछा गया कि बहुत से लोग हैं जो अपने टिकट कैंसिल कर रहे हैं। बहुत से लोगों का कहना है कि ये बच्चों को दिखाने लायक फिल्म नहीं है। कुछ सीन्स पर दर्शकों को आपत्ति है. कुछ डायलॉग पर आपत्ति है। इसपर आपकी राय क्या है? मनोज मुंतशिर ने जवाब दिया, 'बहुत ही कम लोग हैं। मैं पूरा आंकड़ा नहीं दे सकता। लेकिन अगर आप अभी भी जाकर बुक माय शो पर देखें तो पूरा भारत आपको भगवा में मिलेगा। बहुत तेजी से टिकट बुक हो रहे हैं। दो दिन का हमारा जो कलेक्शन हुआ है। इतने लोगों ने आकर फिल्म देखी, वरना दो दिन में पिक्चर 200 करोड़ की कमाई कैसे करती।
डायलॉग्स में बदलाव को लेकर कही ये बात
मनोज मुंतशिर का कहना है कि उन्होंने फिल्म के डायलॉग को इस अंदाज में इसलिए लिखा था ताकि बच्चे इससे कनेक्ट कर पाएं, समझ पाएं। ऐसे में उनसे पूछा गया कि इससे पहले कि ये फिल्म बच्चों तक पहुंचती इसके डायलॉग बदल दिए जाएंगे। तो वो कोशिश थी इसे बच्चों से कनेक्ट करने की वो कहीं ना कहीं फेल होती दिख रही है। अगर आप डायलॉग बदल रहे हैं तो क्या आपको लगता है कि अब यंग जनता इस फिल्म से कनेक्ट नहीं कर पाएंगी?
जवाब में मनोज ने कहा, 'फिल्म में सिर्फ 5 डायलॉग हैं। एक फिल्म 4000 हजार डायलॉग से मिलकर बनती है। अगर 5 डायलॉग को पसंद नहीं किया गया तो 3995 डायलॉग को पसंद भी किया गया है। 4000 में से 5 बदलने से कुछ नहीं होगा। जो आपत्तिजनक शब्द हैं, जिनसे जनता को दिक्कत है हम बस उन्हें बदल देंगे। 3995 डायलॉग्स को जनता से अपना प्यार दिया है। देखिए मैं एक बात आपको बताऊं कितने लोग और फिल्म मेकर्स इस देश में हैं जिनके अंदर इतनी हिम्मत हो कि एक थिएटर में पहुंची हुई फिल्म को सिर्फ इसलिए कि जनता के कुछ ऑब्जेक्शन आ गए कि उनकी बात सुनी जाए। 10 हजार के आसपास स्क्रीन्स पर हमारी फिल्म रिलीज हुई है। इसे दोबारा सेंसर कर रिलीज करना आसान बात नहीं है लेकिन हम ये मुश्किल इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि हमें हमारे देश की जनता का सम्मान है। उनकी हर बात हमारे लिए बहुत महत्वपूर्व है। हमारी लिए एक आवाज भी कीमती है. हमारे लिए एक भी सनातनी, एक भी हिंदू, एक भी राम भक्त, अगर कहता है कि नहीं पसंद आया। तो हम उसकी सुनेंगे। अगर वो कहता है कि डायलॉग बदलो तो बदलेंगे। जो करना हो हम करेंगे।